गजल: दिल में तेरी यादों का गुलशन पाल रखा हैं !!
दिल में तेरी यादों का गुलशन पाल रखा हैं |
मैंने शिद्दत से इश्क का दर्द संभाल रखा हैं ||
हर सांझ गुजरी है तेरे इंतजार में मायूस होकर |
तुम नहीं आये तो आंसुओं ने बड़ा ख्याल रखा हैं ||
जीया हूं मैं कैसे हर पल तुम्हारे बिन'कंचन'
एक बार तो पूछा होता कि कैसा मेरा हाल रखा हैं ||
जब भी दिया तुमने मोहब्बत के साथ दर्द दिया |
तुमपे यकीं कर मैंने आँखों से दरिया निकाल रखा हैं ||
तुम्हारे हर झूठ चल गये इस फरेब की दुनिया में |
मुझ गरीब की वफा पर लोगो ने सवाल रखा हैं ||
जाने क्यूं'कंचन'जी तुम इस तरह बेवफा हो गये |
मैंने तो आज भी तुम्हारे एहसास को संभाल रखा हैं ||
तुम्हें'राजकुमार'की आदत नहीं मैं कैसे भी जी लूंगा |
खुदा तुम्हें सलामत रखे, मेरे लिए तो भूचाल रखा हैं ||
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